इसराइल और ईरान दोनों मध्य पूर्व के महत्वपूर्ण देश हैं, और उनकी सैन्य शक्तियाँ क्षेत्रीय और वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में अहम भूमिका निभाती हैं। इनकी सैन्य क्षमताओं की तुलना विभिन्न पहलुओं जैसे कि रक्षा बजट, सैनिकों की संख्या, हथियारों की गुणवत्ता, और परमाणु शक्ति के संदर्भ में की जा सकती है।
- इसराइल की सैन्य शक्ति:
सेना का आकार: इसराइल की कुल सेना में लगभग 1,70,000 सक्रिय सैनिक और 4,65,000 रिज़र्व सैनिक हैं।
रक्षा बजट: इसराइल का वार्षिक रक्षा बजट लगभग $24-25 बिलियन (2023) के आसपास है, जो इसे एक मजबूत सैन्य ताकत बनाता है।
वायु सेना: इसराइल की वायु सेना को दुनिया की सबसे प्रभावी और आधुनिक वायु सेनाओं में से एक माना जाता है। इसराइल के पास F-35, F-16 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमान हैं।
मिसाइल और रॉकेटरी: इसराइल की मिसाइल और रॉकेट प्रणाली काफी उन्नत है, जिसमें “आयरन डोम” और “डेविड स्लिंग” जैसे वायु रक्षा सिस्टम शामिल हैं। यह सिस्टम दुश्मनों के मिसाइल और रॉकेट हमलों को रोकने में सक्षम हैं।
परमाणु शक्ति: इसराइल की परमाणु शक्ति पर अधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन माना जाता है कि इसराइल के पास लगभग 80 से 90 परमाणु हथियार हो सकते हैं।
साइबर युद्ध: इसराइल साइबर सुरक्षा और साइबर युद्ध में भी अग्रणी है। इसराइल के पास उन्नत साइबर डिफेंस और आक्रामक साइबर क्षमताएँ हैं।
विशेष बल: इसराइल के विशेष बल जैसे “सायेरेट मतकल” दुनिया के सबसे कुशल माने जाते हैं।
- ईरान की सैन्य शक्ति:
सेना का आकार: ईरान की सेना में लगभग 5,20,000 सक्रिय सैनिक और 3,50,000 रिज़र्व सैनिक हैं। इसके अलावा, “इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स” (IRGC) के पास लगभग 1,25,000 सदस्य हैं, जो एक स्वतंत्र सैन्य बल है।
रक्षा बजट: ईरान का रक्षा बजट इसराइल की तुलना में कम है, लगभग $15-16 बिलियन (2023) के आसपास।
वायु सेना: ईरान की वायु सेना पुराने रूसी और अमेरिकी लड़ाकू विमानों पर आधारित है, जैसे कि F-14, मिग-29, और सु-24। हालांकि, इसराइल की तुलना में इसकी वायु शक्ति कमज़ोर मानी जाती है।
मिसाइल कार्यक्रम: ईरान का मिसाइल कार्यक्रम काफी उन्नत है। उसके पास “शाहब” और “क़ैद” जैसी बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जो हजारों किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती हैं। इसके अलावा, ईरान क्रूज़ मिसाइल और ड्रोन तकनीक में भी अग्रणी बनता जा रहा है।
परमाणु कार्यक्रम: ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय विवाद है। ईरान कहता है कि उसका कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन पश्चिमी देश इसे सैन्य उपयोग के लिए विकसित करने का शक करते हैं। हालांकि, ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हैं।
साइबर युद्ध: ईरान साइबर युद्ध में भी सक्रिय है, और कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि वह साइबर हमलों का इस्तेमाल अपने दुश्मनों के खिलाफ करता है।
क्षेत्रीय प्रभाव: ईरान अपने क्षेत्रीय प्रभाव के लिए जाना जाता है, खासकर “हिज़बुल्लाह” और “हमास” जैसे संगठनों के साथ सहयोग के जरिए। इसके अलावा, सीरिया, इराक और यमन में ईरान का प्रभाव बढ़ रहा है।
मुख्य अंतर:
वायु शक्ति: इसराइल की वायु शक्ति बहुत आधुनिक और उन्नत है, जबकि ईरान की वायु शक्ति पुरानी और अपेक्षाकृत कमजोर है।
परमाणु क्षमता: इसराइल के पास परमाणु हथियार हो सकते हैं, जबकि ईरान अभी इस दिशा में प्रतिबंधों और कूटनीति में उलझा हुआ है।
मिसाइल शक्ति: ईरान की मिसाइल क्षमताएं क्षेत्रीय स्तर पर अधिक प्रभावी हैं, जबकि इसराइल की रक्षा प्रणाली मिसाइल खतरों को रोकने में सक्षम है।
साइबर युद्ध: दोनों देशों के पास साइबर क्षमताएं हैं, लेकिन इसराइल की साइबर सुरक्षा तकनीक और आक्रामक क्षमताएँ अधिक मानी जाती हैं।